अफगानिस्तान से 13 साल का लड़का विमान के लैंडिंग-गियर में छिपकर दिल्ली पहुँचा — पूरी खबर

अफगानिस्तान से अवैध प्रवेश – हाल ही में दिल्ली एयरपोर्ट पर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। अफगानिस्तान से आया एक 13 वर्षीय लड़का काबुल से दिल्ली आने वाली KAM Air की फ्लाइट में विमान के लैंडिंग-गियर (wheel well) में छिपकर भारत पहुँचा। यह मामला सुरक्षा, बच्चों की मजबूरी और मानवीय दृष्टिकोण — तीनों पहलुओं से चर्चा में है।


जानिए अफगानिस्तान से अवैध प्रवेश की घटना का पूरा विवरण

  • यह घटना 22 सितम्बर 2025 की बताई जा रही है।
  • KAM Air की फ्लाइट (RQ-4401) काबुल से दिल्ली के लिए रवाना हुई।
  • उड़ान करीब 90 मिनट की रही और सुबह लगभग 10:20 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर उतरी।
  • एयरपोर्ट स्टाफ ने रनवे पर एक बच्चे को घूमते हुए देखा। जांच में पता चला कि वह विमान के लैंडिंग-गियर में छिपकर आया था।

अफगानिस्तान से अवैध प्रवेश करके आए लड़के ने क्या बताया?

सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में बच्चे ने कहा कि:

  • उसकी मंशा ईरान जाने की थी, लेकिन गलती से वह दिल्ली आने वाली उड़ान में चढ़ गया।
  • उसने यह कदम जिज्ञासा और बेहतर भविष्य की तलाश में उठाया।
  • उसके पास से एक छोटा लाल रंग का स्पीकर भी मिला।

अफगानिस्तान से अवैध प्रवेश करके आए लड़के की सुरक्षा और स्वास्थ्य

  • CISF और इमिग्रेशन अधिकारियों ने लड़के को तुरंत हिरासत में लिया।
  • एयरपोर्ट पर डॉक्टरों ने बच्चे की मेडिकल जांच की। हैरानी की बात है कि वह पूरी तरह सुरक्षित मिला, जबकि लैंडिंग-गियर में ऑक्सीजन और तापमान बेहद खतरनाक स्तर पर होता है।
  • जांच पूरी होने के बाद उसे उसी दिन काबुल वापस भेज दिया गया।

इस घटना से उठे सवाल

  1. एयरपोर्ट सुरक्षा पर सवाल – काबुल एयरपोर्ट पर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई?
  2. बच्चों की सुरक्षा – आखिर क्यों बच्चे इतनी खतरनाक कोशिश करने को मजबूर होते हैं?
  3. मानवीय पहलू – गरीबी, शिक्षा की कमी और असुरक्षा ही बच्चों को ऐसे कदम उठाने पर मजबूर करती है।
  4. एयरलाइंस की जिम्मेदारी – भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाने की ज़रूरत है।

निष्कर्ष

यह घटना न सिर्फ़ सुरक्षा चूक का उदाहरण है बल्कि यह भी दिखाती है कि कठिन परिस्थितियाँ बच्चों को किस हद तक जोखिम लेने पर मजबूर कर देती हैं। सौभाग्य से यह बच्चा सुरक्षित मिला, लेकिन यह ज़रूरी है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। भारत और अफगानिस्तान दोनों को मिलकर बच्चों के लिए शिक्षा, सुरक्षा और अवसरों की दिशा में गंभीर कदम उठाने चाहिए।


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